一言九鼎 एक शब्द नौ कड़ाही
Explanation
九鼎:古代国家的宝器,相传为夏禹所铸。一句话抵得上九鼎重。比喻说话力量大,能起很大作用。
नौ कड़ाही: प्राचीन राज्यों के खजाने, कहा जाता है कि ये श्यायु ने ढाले थे। एक शब्द का वज़न नौ कड़ाही के बराबर होता है। इसका अर्थ है कि व्यक्ति का बोलना बहुत प्रभावशाली होता है और बहुत बड़ा प्रभाव डाल सकता है।
Origin Story
战国时期,赵国和秦国交战,赵国首都邯郸被秦国军队包围。赵王派平原君出使楚国求援,楚王却犹豫不决。平原君的食客毛遂主动请缨,他手持宝剑上殿,对楚王分析了当前的形势,并且阐明了救助赵国的利弊,最终打动了楚王,楚王决定派兵支援赵国。事后,平原君称赞毛遂说:“毛先生一到楚国,就让赵国变得更加重要,如同九鼎大吕一样。毛先生三寸不烂之舌,比百万雄师还要强大。”这件事说明了毛遂的智慧和才干,更说明了说话的力量,有时可以改变一个国家甚至一个人的命运。
युद्धरत राज्यों के काल में, झाओ और किन युद्धरत थे, और झाओ की राजधानी हानदान को किन सेना ने घेर लिया था। झाओ राजा ने पिंगयुआन जून को चू से सहायता मांगने के लिए भेजा, लेकिन चू राजा हिचकिचाया। पिंगयुआन जून के अतिथि माओ सुई ने स्वयं आगे आकर कहा, वह तलवार लेकर दरबार में प्रवेश किया और चू राजा को वर्तमान स्थिति का विश्लेषण किया। उसने झाओ की सहायता करने के फायदे और नुकसान बताए, जिससे चू राजा प्रभावित हुआ और उसने झाओ को सैन्य सहायता देने का फैसला किया। बाद में, पिंगयुआन जून ने माओ सुई की प्रशंसा करते हुए कहा: “माओ महोदय चू पहुँचते ही, झाओ और भी ज़्यादा महत्वपूर्ण हो गया, मानो नौ कड़ाही जैसे। माओ महोदय की तीन इंच की ज़बान, दस लाख सैनिकों से भी ज़्यादा शक्तिशाली है।” इस कहानी से माओ सुई की बुद्धिमत्ता और क्षमता का पता चलता है, लेकिन इससे ज़्यादा यह बताता है कि बातों का कितना बल होता है, जो कभी-कभी देश या व्यक्ति के भाग्य को बदल सकता है।
Usage
这个成语通常用来形容一个人说话很有分量,所说的话很有影响力,能起到很大的作用。
यह मुहावरा आमतौर पर किसी व्यक्ति के बात करने के तरीके का वर्णन करने के लिए प्रयोग किया जाता है, जिसके शब्दों का बहुत वज़न होता है और बहुत प्रभाव डालते हैं।
Examples
-
他说话很有分量,一言九鼎,大家都信服他。
tā shuō huà hěn yǒu fèn liàng, yī yán jiǔ dǐng, dà jiā xìn fú tā.
उनकी बातों में बहुत वज़न है, एक शब्द में ही नौ कड़ाही बराबर, सभी उनका सम्मान करते हैं।
-
这可是我们双方约定的,一言九鼎,绝不能反悔。
zhè kě shì wǒ men shuāng fāng yuē dìng de, yī yán jiǔ dǐng, jué bú néng fǎn huǐ.
यह हम दोनों के बीच का करार है, एक शब्द में ही नौ कड़ाही बराबर, पीछे हटना नहीं है।
-
他虽是新来的,但却一言九鼎,深得大家信任。
tā suī shì xīn lái de, dàn què yī yán jiǔ dǐng, shēn dé dà jiā xìn rèn.
वह हाल ही में आया है, पर एक शब्द में ही नौ कड़ाही बराबर, सब उसे भरोसा करते हैं।