水月观音 जल चंद्रिका अवलोकितेश्वर
Explanation
水月观音是观音菩萨的三十二应身之一,形象通常描绘为观音菩萨坐在莲台上,观照水中月影,象征着清净无染、超脱尘世。
जल चंद्रिका अवलोकितेश्वर, अवलोकितेश्वर बोधिसत्व के बत्तीस रूपों में से एक है। आमतौर पर इसे कमल आसन पर बैठे हुए अवलोकितेश्वर के रूप में चित्रित किया जाता है, जो जल में चंद्रमा के प्रतिबिंब को देख रहे हैं, जो पवित्रता, निर्मलता और सांसारिक दुनिया से परे होने का प्रतीक है।
Origin Story
传说中,南海有一座普陀山,山顶上有一座观音庙。庙中供奉着一尊水月观音像,形态端庄,面容慈祥,仿佛是从水中月影中走出来的仙子。一日,一位年轻的书生路过此地,被观音像的清丽脱俗所吸引,久久不愿离去。他仿佛看到观音菩萨慈悲的目光注视着自己,心中顿生敬意,便虔诚地跪拜祈祷,祈求观音菩萨保佑自己金榜题名。后来,书生果然如愿以偿,高中状元,光宗耀祖。从此,水月观音便成为人们心中美好、纯洁的象征。
कथा के अनुसार, दक्षिण चीन सागर में एक पुतो पर्वत है, जिसके शिखर पर एक अवलोकितेश्वर मंदिर है। मंदिर में एक जल चंद्रिका अवलोकितेश्वर प्रतिमा स्थापित है, जिसका रूप गंभीर और मुखमंडल करुणामय है, मानो वह जल में चंद्रमा के प्रतिबिंब से निकली हुई अप्सरा हो। एक दिन, एक युवा विद्वान वहाँ से गुजरा और प्रतिमा की अलौकिक सुंदरता से मोहित हो गया, और लंबे समय तक वहाँ रुका रहा। उसे ऐसा लगा कि अवलोकितेश्वर बोधिसत्व की करुणामय दृष्टि उस पर पड़ रही है, जिससे उसका हृदय भक्ति से भर गया। उसने भक्तिभाव से घुटने टेककर प्रार्थना की, और बोधिसत्व से प्रार्थना की कि वह उसे राजकीय परीक्षा में सफलता दिलाएँ। बाद में, विद्वान अपनी मनोकामना में सफल हुआ, प्रथम श्रेणी का विद्वान बन गया और अपने पूर्वजों का नाम रोशन किया। तब से, जल चंद्रिका अवलोकितेश्वर लोगों के हृदय में सुंदरता और पवित्रता का प्रतीक बन गया।
Usage
用于形容人或事物美丽、清净、超凡脱俗。
किसी व्यक्ति या वस्तु की सुंदरता, पवित्रता और अलौकिकता का वर्णन करने के लिए प्रयुक्त होता है।
Examples
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那尊水月观音像,端庄秀丽,令人心生敬畏。
nà zūn shuǐ yuè guān yīn xiàng, duān zhuāng xiù lì, lìng rén xīn shēng jìng wèi.
वह जल चंद्रिका अवलोकितेश्वर प्रतिमा, भव्य और सुंदर है, जो श्रद्धा को प्रेरित करती है।
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她气质脱俗,宛如水月观音一般清雅。
tā qì zhì tuó sú, wǎn rú shuǐ yuè guān yīn yī bān qīng yǎ
उसका स्वभाव असाधारण है, जैसे जल चंद्रिका अवलोकितेश्वर की तरह शांत और सुंदर।