衣不遮身 कपड़े नहीं हैं
Explanation
形容衣服破烂,连身子都遮盖不住。形容生活贫苦。
यह एक कहावत है जिसका अर्थ है कि किसी के पास इतने भी कपड़े नहीं हैं कि वह अपने शरीर को ढँक सके। यह गरीबी को दर्शाती है।
Origin Story
话说唐朝时期,有个叫李白的诗人,他虽然才华横溢,名扬天下,但生活却十分困苦。一次,他路过一个村庄,看到一位老农在田里辛勤劳作。老农衣不遮身,面容憔悴,李白不禁动了恻隐之心,于是上前询问老农的困境。老农叹了一口气,说道:“家中老母年迈体弱,儿子又体弱多病,家中更是颗粒无收,我每日辛劳耕作,所得微薄,连温饱都难以解决,更别提置办新衣了。如今,这寒冬将至,我担心老母和儿子会被冻坏。”李白听后,心中甚是难过,他深知老农的苦衷,便解下身上仅有的几两银子,赠予老农,并鼓励他坚持下去,并许诺日后定会再来看望。老农感激涕零,千恩万谢,李白望着老农远去的背影,心中感慨万千。他知道,这衣不遮身,食不果腹的生活,是许多贫苦百姓的真实写照,也更加坚定了他为百姓发声,为国家昌盛而努力的决心。
एक समय की बात है, तंग राजवंश के दौरान, ली बाई नाम के एक कवि रहते थे, जो अपनी असाधारण प्रतिभा और देश भर में प्रसिद्धि के बावजूद, अत्यधिक गरीबी में रहते थे। एक बार, एक गाँव से गुज़रते हुए, उन्होंने एक बूढ़े किसान को खेतों में मेहनत करते देखा। किसान के कपड़े बहुत फटे हुए थे, और उसका चेहरा क्षीण और थका हुआ था। ली बाई का हृदय करुणा से भर गया, और वह किसान की दुर्दशा जानने के लिए उसके पास गया। बूढ़े किसान ने आह भरते हुए कहा, “मेरी वृद्ध माँ कमज़ोर है, मेरा बेटा भी बीमार है, और हमारी फसल भी खराब हो गई है। मैं रोज़ खेत में काम करता हूँ, लेकिन मेरी कमाई बहुत कम है; मैं अपने परिवार का पेट भरने के लिए मशक्कत करता हूँ, नए कपड़े खरीदने की तो बात ही दूर है। अब सर्दी आ रही है, और मुझे अपनी माँ और बेटे के ठंड से मरने का डर है।” ली बाई ने यह सुनकर बहुत दुःख हुआ। वह किसान की दुर्दशा समझ गया और अपने पास मौजूद कुछ चाँदी के सिक्के निकालकर किसान को दे दिए और उसे हिम्मत बंधाते हुए कहा कि वह आगे भी काम करता रहे। उसने आगे जाकर फिर मिलने का भी वादा किया। किसान कृतज्ञता से भर गया और उसे धन्यवाद दिया। ली बाई किसान के जाने के बाद भावुक हो गया। उसे पता था कि यह गरीबी और भूख का जीवन कई गरीब लोगों के लिए यथार्थ है, और इससे उसका दृढ़ संकल्प और मज़बूत हो गया कि वह लोगों की आवाज़ बने और देश की समृद्धि के लिए काम करे।
Usage
用于形容生活贫困,衣着破烂。
यह मुहावरा गरीबी और फटे कपड़ों का वर्णन करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
Examples
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他家境贫寒,衣不遮身,生活十分艰难。
tā jiā jìng pín hàn, yī bù zhē shēn, shēnghuó shífēn jiānnán
वह बहुत गरीब है, उसके पास कपड़े तक नहीं हैं।
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逃荒途中,许多人衣不遮身,饥寒交迫。
táo huāng tú zhōng, xǔ duō rén yī bù zhē shēn, jī hán jiāo pò
कई लोग भूखे और ठिठुरते हुए भटक रहे थे।