声色俱厉 कठोर स्वर और भाव
Explanation
形容说话时声音和脸色都很严厉。
किसी के बात करने के तरीके का वर्णन करता है जो बहुत कठोर और गंभीर होता है।
Origin Story
唐朝时期,宰相李德裕因得罪宦官,被贬官外放。临行前,他去拜见皇帝,皇帝对李德裕的才能十分欣赏,但碍于宦官的势力,不得不将他贬职。皇帝面露难色,语气低沉地说:‘爱卿,朕…实在没有办法…’李德裕知道皇帝的难处,便叩首道:‘臣领旨!’皇帝见李德裕如此识大体,不禁叹道:‘可惜啊,可惜…’此情此景,皇帝虽不忍心,但面对强大的宦官集团,也只能无奈地送别李德裕。 数年后,李德裕凭借自身的才能和政绩,再次受到朝廷重用。他再次入朝为官,皇帝看到昔日被贬谪的李德裕如今重回朝堂,内心百感交集。他想起当年送别李德裕时,自己欲言又止,声色俱厉的模样,不禁感慨万千。皇帝亲自迎接李德裕,并向他道歉,表示当初对他的贬谪实属无奈之举。李德裕也坦然接受,并表示忠心耿耿,愿意为国家效力。
तांग राजवंश के दौरान, प्रधानमंत्री ली डेयु को नपुंसक अधिकारियों को नाराज करने के कारण पदच्युत और निर्वासित कर दिया गया था। जाने से पहले, वह सम्राट से मिलने गया, जिसने ली डेयु की प्रतिभा की बहुत प्रशंसा की, लेकिन नपुंसक अधिकारियों के प्रभाव के कारण उसे पदच्युत करना पड़ा। सम्राट ने अपनी अनिच्छा दिखाई, उसकी आवाज धीमी थी, उसने कहा: 'मेरे वफादार मंत्री, मेरे पास... वास्तव में कोई दूसरा विकल्प नहीं है...' ली डेयु ने सम्राट की कठिनाइयों को समझा और झुककर कहा: 'मैं आदेश स्वीकार करता हूँ!' ली डेयु की समझ देखकर सम्राट ने आह भरी: 'कितना अफ़सोस... कितना अफ़सोस...' इस स्थिति में, भले ही सम्राट को दया आ रही थी, लेकिन शक्तिशाली नपुंसक समूह के सामने उसे ली डेयु को विदा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। कई साल बाद, ली डेयु ने अपनी क्षमताओं और उपलब्धियों के माध्यम से, फिर से अदालत में काम करना शुरू कर दिया। जब वह अदालत में वापस आया, तो सम्राट ली डेयु को देखकर बहुत प्रभावित हुआ, जो कभी निर्वासित था, अब अदालत में वापस आ गया है। उसने ली डेयु को विदा करते समय के दृश्य को याद किया, जिसमें उसका झिझक और सख्त व्यवहार था, और गहराई से आह भरी। सम्राट ने व्यक्तिगत रूप से ली डेयु का स्वागत किया और माफी माँगी, यह समझाते हुए कि उस समय उसका पदच्युत होना अपरिहार्य था। ली डेयु ने शांति से इसे स्वीकार कर लिया और अपनी वफादारी और देश की सेवा करने की इच्छा की पुष्टि की।
Usage
多用于描写说话者严厉的神态和语气。
यह अक्सर किसी ऐसे व्यक्ति के बोलने के तरीके का वर्णन करने के लिए प्रयोग किया जाता है जो बहुत कठोर और गंभीर होता है।
Examples
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他声色俱厉地批评了我的错误。
tashēngsèjùlìdìpīpinglewǒdecuòwù。
उसने मेरी गलती की सख्ती से आलोचना की।
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老师声色俱厉地训斥了那个犯错的学生。
lǎoshīshēngsèjùlìdìxùnchìle nàge fàn cuò dexuéshēng。
शिक्षक ने गलती करने वाले छात्र को कड़ी फटकार लगाई।